NEW DELHI:- पसीने की बदबू दूर करने के लिए अक्सर हम डियोडेरेंट या परफ्यूम का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कभी आपने ये सोचा है कि इसके इस्तेमाल से हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है, तो चलिए आज हम आपको बताते हैं।
पसीने की बदबू दूर करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाने वाला परफ्यूम व डियो न केवल पसीने के ग्लैंड को प्रभावित करता है बल्कि शरीर की टॉक्सिफिमकेशन की साधारण प्रक्रिया को भी नुकसान पहुंचाता है।
कई सारे शोध हुए जिसमें माना गया कि शरीर से पसीना निकलना बहुत जरूरी है जिसे डियो अवरोध पैदा कर सेहत से जुड़ी कई समस्याओं को जन्म देता है।
शोधकर्ताओं ने माना है कि जब हमें पसीना आता है तो शरीर का तापमान सामान्य होता है और शरीर को प्राकृतिक तौर पर ठंडक मिलती है। पसीना आने का मतलब यह भी है कि शरीर में मौजूद ग्लैंड अच्छी तरह काम कर रहे हैं।
उन्होंने माना कि पसीना कम करने के लिए इस्तेमाल में लाए जाने वाले खुशबूदार उत्पाद पसीने की सामान्य प्रक्रिया में बाधा पहुंचाते हैं जिससे शरीर में आर्सेनिक, कैडमियम, लीड और मरकरी जैसे तत्व इकट्ठा हो सकते हैं।
अगर आप सोचते हैं कि पसीने की बदबू को दूर करने के लिए डियो लगाना बहुत जरूरी है तो जान लें कि परफ्यूम पसीने की महक को ज्यादा बढ़ा देता है। इससे और ज्यादा पसीना आता है।
पसीना शरीर में तब निकलता है जब हम तनाव, डर ,घबराहट या सेक्स की इच्छा से प्रभावित होते हैं। कसरत के दौरान शरीर में सेक्स हार्मोन बढ़ते हैं इसलिए पसीना अधिक निकलता है। ऐसे में पसीने की दुर्गंध से छुटकारे के लिए डियो का इस्तेमाल कामेच्छा को भी प्रभावित करता है।




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