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Sunday, March 12, 2017

आखिर प्यार नाम की चीज आई कहा से? और भारत में प्यार के प्रकार, जानिए...

बेंगलोर। प्यार.... को लेकर आज के दौर के की बात करें तो प्यार शब्द स्त्री-पुरुष या कहें कि युवक-युवती के बीच प्यार। आखिर क्या है प्यार, क्या यह एक महज आकर्षण है? आखिर प्यार की शुरूआत कहां से हुई, आखिर प्यार नाम की चीज आई कहां से? ऐसे सवालों पर कई वर्षों से समाज वैज्ञानिक रिसर्च भी कर रहे हैं, साथ ही कई इतिहासकार भी इसी खोज में लगे हैं कि आखिर प्यार की उत्पत्ती कहां से हुई।

यूरोप में हुई प्यार की खोज  आज तक प्यार की परिभाषा भी ढंग से नहीं गढ़ी जा सकी है। इसी का नतीजा है कोई इसको दिल की फीलिंग कहता है तो कोई महज आकर्षण ही कहता है। लेकिन कई इतिहासकारों का मानना है कि प्यार की उत्पत्ती यूरोप से हुई। 14वीं शताब्दी से लेकर 18वीं शताब्दी का दौर यूरोप में उथल-पुथल व बड़ी-बड़ी खोजों का काल रहा है। 

इसी दौरान न्यूटन ने ग्रेविटी के सिद्धांत की खोज की और मार्टिन लूथर ने समाज  व महिलाओं की जागरुकता के लिए नई अलख जगाई, ल्यूनार्दो दा विंची ने मोना लिसा की हुबहू खूबसूरत तस्वीर अपनी कला के माध्यम से चित्र के रूप में प्रस्तुत कर चित्रकारी का एक अद्भुत अनूमा पेश किया था, जो एक चित्रकारी की खोज कहलाई। आपको बता दें कि प्यार की खोज भी इसी दौर की देन है।  


उसका एक उदाहरण है कि ल्यूनार्दो दा विंची मोनालिसा के इतने कायल हुए थे मोनालिसा का एक ऐसा चित्र तैयार किया जो दुनियां में आज तक कोई चित्रकार नहीं कर सका। एक और उदाहरण की बात करें तो बताया जाता है कि दर्शनशास्त्री दांते किसी खूबसूरत लड़की को दिल ही दिल इतना पसंद करने लगे थे कि उन्हें खुद ही पता नहीं होता था कि वह क्या कर रहे हैं।

यूरोप में कार्निवाल के दौरान छत के कौने से ही उस लड़की को वह हमेशा देखा करते थे, अपनी भावनाओं को कागज पर भी लिखा करते थे, लेकिन उन्हें खुद को यह पता नहीं चल पाया था कि आखिर उन्हें हुआ क्या है। दरअसल, दांते प्यार में थे, और वह इतने शर्मिले थे कि उन्होंने कभी उस लड़की से बात तक नहीं की थी

चुपके-चुपके, शर्माके, खतों या इमेल के माध्यम से...
भारत में एक प्यार ऐसा भी है जो केवल संदेश, इमेल या कहें खतों के माध्यम से होता है। कई बार सामने आता है कि इस तरीके का प्यार अपने अंजाम तक पहुंचता है और कभी नहीं भी पहुंच पाता। बिलकुल लंच बोक्स फिल्म के इरफान खान की तरह। 







जो इजहार नहीं कर पाते...
 कई बार प्यार ऐसा होता है जो युवक व युवती दोनो के बीच होता है लेकिन स्थितियां कुछ ऐसी होती हैं कि लोग कभी इजहार नहीं कर पाते। प्यार होते हुए भी सिर्फ आंखो से ही इजहार हो पाता है।




युवक-युवती का गंभीर व इमोशनल प्यार...
कई युवक-युवती के बीच प्यार काफी गंभीर रूप ले लेता है। और प्यार करते वक्त यह गंभीरता उनकी आंखो में भी झलकती है। जैसे इस तस्वीर में आप देख रहे हैं।







एक प्यार क्यूट होता है...
एक ऐसा प्यार होता है जो क्यूट होता है। आपस में प्यार का इजहार करते समय कोई झिझक नहीं होती और साथ ही अच्छे दोस्त की भूमिका निभाते हैं ऐसे जोड़े।
  






छुपकर, अकेले में प्यार...
कई बार प्यार का इजहार युवक-युवती अकेले व अंधेरा छिपने के बाद करते हैं। और अकेले में एक दूसरे की बाते ज्यादा से ज्यादा शेयर करना पसंद करते हैं। 









अचानक प्यार हो जाना...


कई बार युवक-युवती की दोस्ती प्यार में अचानक बदल जाती है। ऐसा तब अकसर देखा जाता है जब दोनो लीविंग रिलेशनशिप में रह रहे हों। 







केवल मन में विचारना...



कई युवक ही नहीं युवती प्यार का इजहार करना चाहते हैं लेकिन नहीं कप पाते बस बहाने खोजते हैं या मन में विचारते रह जाते हैं। 


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