वाशिंगटन। एक ताजा शोध में बताया गया है कि पांच या इससे अधिक वर्षो तक बदल-बदल कर रात्रि पारी में काम करने वाली महिलाओं में ह्वदयरोग से जुड़ी समस्याओं के कारण मृत्युदर बढ़ा पाया गया, जबकि 15 वर्ष से अधिक समय तक काम करने वाली महिलाओं में फेफड़े के कैंसर से मृत्यु होने की दर में इजाफा देखा गया। लगातार रात्रि पारी में बदल-बदल कर काम करना स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकता है और इसके कारण फेफड़े का कैंसर और ह्वदयरोग से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, जो आपकी जल्द मौत का भी कारण बन सकती है। अध्ययन में महीने में कम से कम तीन पारीयां रात में करने वालों को शामिल किया गया।
मृत्यु दर 11 फीसदी अधिक...
हारवर्ड मेडिकल स्कूल की सहायक प्राध्यापिका इवा शेर्नहैमर ने बताया, ''इस शोध के परिणाम रात्रि पारी में काम करने और स्वास्थ्य या लंबी आयु के बीच संभावित हानिकारक संबंधों के पूर्व सबूतों को प्रमाणित करते हैं।" इस अमेरिकी संस्था से लगभग 75,000 नर्से पंजीकृत हैं। पाया गया कि छह से 15 वर्षो तक बदल-बदल कर रात्रि पारी में काम करने वाली नर्सो की मृत्यु दर 11 फीसदी अधिक रही। इनमें दिल की बीमारी से होने वाली मृत्यु की दर 19 फीसदी अधिक पाई गई। 15 या इससे भी अधिक वर्षो से रात्रि पारी में काम कर करने वाली महिलाओं में फेफड़े के कैंसर से मौत होने का खतरा 25 फीसदी अधिक पाया गया।
कर्मचारियों की संख्या में तेजी से इजाफा...
यह अध्ययन 'अमेरिकन जर्नल ऑफ प्रीवेंटिव मेडिसिनÓ के ताजा अंक में प्रकाशित हुआ। नींद और हमारी दैनिक जैविक क्रियाएं ह्वदय सर्केडियन सिस्टम दिल के स्वास्थ्य और कैंसर के ट्यूमर को बढऩे से रोकने में बेहद अहम होती हैं। इवा ने बताया, ''चूंकि दुनियाभर में रात्रि पाली में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है, अत: यह अध्ययन संभवत: दुनिया में सबसे बड़े समूह से संबंधित अध्ययन है।" अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने अमेरिका में नर्सो के स्वास्थ्य संबंधी आंकड़ा रखने वाली संस्था नर्सेज हेल्थ स्टडी (एनएचएस) द्वारा दर्ज 22 वर्ष के आंकड़ों का विश्लेषण किया।

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